कोरोना एक सीख
कोरोना एक सीख कहते है जीवन मे जो कुछ भी होता है ,अच्छे के लिए होता है।फिर चाहे उस अच्छे के कारण कुछ नुकसान भी क्यों न उठाना पड़े।प्रकृति परिवर्तन शील है।बदलना उसका स्वभाव है।जो आज है वो कल नहीं था और जो कल था वो आज नहीं है।नित्यप्रति समय बदलता है।जिस प्रकार इंसान कपड़े बदलता है तो पुराने कपड़े उतारने पड़ते है,उसी प्रकार जब नया समय आता है पुरानी चीज़ों को छोड़नी पड़ती है।जब नाली साफ की जाती है तो उसमें एसिड डाला जाता है और जब एसिड डाला जाता है तो सबसे पहले पुरानी गंदगी,पुराना कचरा बाहर आता है,उसके बाद ही उसकी अच्छे से सफाई होती है।उस एसिड के कारण कई बार छोटे छोटे जीव जंतु भी मर जाते है,पर फिर भी इंसान अपने घर की सफाई करता ही है,ठीक उसी प्रकार इस प्रकृति की सफाई करने के लिए भगवान कोई न कोई रचना करता है ताकि सृष्टि मे बदलाव आ सके।जब ईश्वर रचना करता है तो अति को पहले खत्म करता है।अति वृद्धि प्रकृति मे भीड़ और अव्यवस्था फैलाता है,इसलिए भगवान सृष्टि को पहले सम करता है।जैसे कई बार हम अपनी अलमारी जमाते है तो बहुत सारे कपड़े हम किसी को दे देते है,क्योंकि उन अति कपड़ो से हमारी अलमारी अव्यवस्थित हो जाती ह...