आज 1 अकटुम्बर है,नवरात्रि का तीसरा दिन है।नवरात्रि मुझे बहुत अच्छी लगती है।बचपन से मै व्रत करती हूं।आज भी मेरा व्रत है।सुबह जल्दी पूजा करके फिर कुछ सेगारी खाकर रोज की तरह मैं अपने ब्यूटी पार्लर के काम से गई।दिन को थोड़ा ब्रेक मिला तो मै वापस घर आई।दोपहर के 2 बज रहे थे,मैं अपना सिर सोफे पर टिका कर लेटी ही थी अचानक मेरे एक मासी के बेटे का फोन आया।वो आशापुरा माता जी के मंदिर मे हर नवरात्रि,9 दिन तक पूजा करता है।
उस समय भी उसने मुझे मंदिर से ही फ़ोन किया और हाल चाल पूछा।मैंने अपनी कुशलता बताई और उसकी भी कुशलक्षेम पूछी।उसके बाद अचानक मेरे मुँह से यकायक ही निकला कि तू ,माता जी से मेरे लिए एक फूल आशीर्वाद स्वरूप मांगना।ये कहकर मैंने फ़ोन रखा। उसने देवी मां को मेरा व्हाट्सअप मेसेज दिखाया कि तुरंत देवी माँ की मूर्ति से गुलाब का फूल गिर जाता है।उसने तुरंत उसी समय मुझे मैसेज किया और उस फूल का फोटो भेजा ।मुझे समझ मे नही आया कि ये क्या फ़ोटो है।मैंने तुरंत अपने मासी के बेटे को व्हाट्सअप पर पूछा कि ये क्या भेजा है।उसने मुझे बताया कि माता जी ने सीधे हाथ से उसी समय फूल गिराया ।
।उसका ऐसा कहना हुआ कि मेरी आँखों से आँसू बहने लगे,मुझे आश्चर्य हो रहा था कि इतनी जल्दी माता जी ने मुझे फूल स्वरूप आशीर्वाद दे दिया,जिसकी मैने कल्पना भी नही की थी।
जय आशापुरा माता की
Comments
Post a Comment