29 दिसम्बर 2019 -शिफ्ट हुए नए फ्लैट मे

आज सुबह जल्दी उठकर सारी पैकिंग करी,क्योंकि आज घर जो खाली करना था।वैसे तो 25 तारीख से ही मैंने थोड़ी थोड़ी पैकिंग चालू कर दी थी फिर भी काफी कुछ पैक करना बाकी रह गया था जो आज ही हुआ।अंततः 2 बजे तक सारी पैकिंग हो गईऔर 4 बजे का टाइम लोडिंग ऑटो वाले को दिया था।करीबन 2 बजे के आस पास अचानक मेरे सभी भाई बहन और उनके बच्चे शिल्पग्राम का मेला देखकर मेरे घर ही आ गए।उन सभी ने मेरा सामान शिफ्ट कराने मे मेरी मदद करी।मेरे सभी भांजे और भतीजो ने मिलकर सारा सामान नए घर मे शिफ्ट किया।जब सामान की पैकिंग हो रही थी,तब मन मे बड़ा डर लग रहा था कि कैसे इतना सामान तीसरी मंजिल पर चढ़ पायेगा,क्योंकि वहाँ लिफ्ट की सुविधा नही थी,लेकिन ईश्वर की लीला अपरम्पार है।सब बच्चो ने इस तरह पूरे जोश और खुशी के साथ मेरा सामान पहुंचा दिया,उन बच्चो को देखकर ऐसा लग रहा था मानो उन सब बच्चो के अंदर साक्षात भगवान आ गए हो।
शाम को 8 बजे तक सारा सामान पहुंच गया था,केवल भगवान की कुछ तस्वीरें रह गई थी,जिसे सबसे अंत मे हम सब जने साथ मे लेकर मेरे भाई की गाड़ी मे लेकर गए थे,तब भी ऐसा महसूस हो रहा था,जैसे साक्षात भगवान  मेरे साथ ही वहाँ से रवाना हुए हो
उसके बाद सब जने इतना थक गए थे,इसलिए हम सब जने रात को मेरे भाई के घर आयड़ आये और यही पर सबने मिलकर दाल बाटी बनाई और यहीं पर सो गए।
जय साँवरिया सेठ की

Comments

Popular posts from this blog

भक्त नरसी मेहता - अटूट विश्वास

एक सत्य कहानी-बापकर्मी या आपकर्मी

भक्ति की महिमा- सेनजी महाराज के जीवन का सच