भक्त नरसी मेहता - अटूट विश्वास
नानी बाई को मायरो समय समय पर इस कल युग मे कई भक्त हुए जिन्होंने अपने विश्वास और प्रेम से श्री कृष्ण जी को पा लिया था।उन्हीं भक्तों मे से एक नरसी जी का नाम भी लिया जाता है जिन्होंने अपना सबकुछ खोकर भी ईश्वर पर पूर्ण भरोसा रखा और अंत मे साक्षात कृष्ण जी ने आकर उनका कार्य किया जो इतिहास मे नानी बाई के मायरे के नाम से प्रसिद्ध हुआ।उन्हीं नरसी जी के जीवन की ओर आपका ध्यान आकर्षित करती हूँ। नरसी जी का जन्म गुजरात के जूनागढ़ मे हुआ था।इनके पिता का नाम कृष्णदास था और माता का नाम दया कुँवर था। बाल्यावस्था मे ही नरसी जी के माता पिता का देहांत हो गया था इसलिए वो अपने बड़े भाई और भाभी के संरक्षण मे बड़े हुए।उनकी भाभी का व्यवहार उनके साथ अच्छा नहीं था।वो नित्यप्रति नरसी जी को ताने देती थी।एक दिन भाभी के तानो से परेशान होकर नरसी जी घर से निकल गए।कुछ दूरी पर एक महादेव जी का स्थान आया।उन्होंने वहां तीन दिन बिना कुछ खाये महादेव जी को याद किया और उनकी शरण मे पड़े रहे तब स्वयं महादेव जी प्रकट हुए और नरसी जी को दर्शन दिए और वरदान मांगने को कहा।नरसी जी ने केवल विष्णु जी के दर्शन करने की चाह प्रकट की।भोलेनाथ ...
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