30 दिसम्बर 2019 - जम गया सामान नए फ्लैट मे

कल की थकावट के कारण आज सुबह देर से ही नींद खुली।सब जनो ने आराम से नाश्ता किया और फिर करीबन 1 बजे मैं और शुभम मेरे पुराने फ्लैट पर वापस गए।कुछ बचा हुआ छोटा मोटा सामान था,वो लिया और फिर हमारे वॉचमैन गणेश भैया और सुशीला के साथ चाय पी।फिर उनसे अंतिम विदाई ली।मुझे भी रोना आ गया और गणेश भैया और सुशीला भी रो गए।उसके बाद मन को मजबूत करके हम वहाँ से वापस अपने नए घर मे आये।उस समय शाम के करीब 4 बज गए थे।थोड़ी देर बाद मेरी दोनो बहने  भी आ गई।साथ मे मेरी एक बहन के पति देव राजेश जी  भी अपने एक दोस्त के साथ मेरे नए घर आये।सभी ने एक साथ सामान जमाने का काम शुरू किया।6 बजे से काम शुरू किया और रात के 10 बजे तक करीबन घर जम गया था।मेरी भाभी ने हम सबके लिए खाना बनाकर भेज दिया।हम सब खाना खाकर यही पर सो गएसब कुछ चमत्कार की तरह हो रहा था।
         सत्यम शिवम सुंदरम
      

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