आखरी हँसी
20 मई 2005 का वो दिन -
जीवन मे सबसे पहली बार पापा को खुश देखा था उस दिन जब मेरी दोनो छोटी बहनों की शादी हुई थी।किसको पता था कि ये हंसी पापा की आखरी हंसी होगी।20 मई के दिन मेरी बहनों का लेडीज़ संगीत था।घर के बाहर ही टेंट लगाकर प्रोग्राम किया था लेकिन इतना बढ़िया प्रोग्राम आज तक हम कभी वापस नहीं देख पाए।मेरे पापा के मुंह पर हंसी आना बहुत ही असम्भव था,लेकिन उस दिन हमारे सभी पड़ोसियों ने पापा को कंधे पर उठाकर बहुत नचाया और बहुत हंसी मजाके करी।शायद समय को ये पता चल गया था कि ये उनके जीवन की आखरी हंसी होगी,इसलिए समय ने उस दिन उनको दिल खोलकर हंसाया मम्मी पापा पहली बार एक साथ मे इतने आनंदित होकर नाचे थे,फिर जीवन मे वो क्षण कभी नहीं आया।
जो पापा अब तक हर एक चीज के लिए इतना कंट्रोल करते थे,आज मेरी बहनों की हर इच्छा ऐसे पूरी कर रहे थे जैसे वो जानते थे कि मैं अब कभी अपने बच्चो के लिए कुछ न कर पाऊंगा।शादी मे हर एक छोटी से छोटी चीज के लिए वो दिल खोलकर खर्च कर रहे थे।फ़ैशन के मामलों मे वो शुरू से ही गुस्सा करते थे,लेकिन आज मेरी बहनों की हर बात आसानी से मान रहे थे।मेरी बहनों की हर इच्छा को मानकर बड़ी धूमधाम से शादी करवाई।
मेरी सबसे छोटी बहन इंद्रा से तो वो इतना प्यार करते थे कि पहली बार उनको इतना रोते हुए हमने देखा था,जब उनकी विदाई हो रही थी।जिस दिन मेरी बहनों की विदाई हुई थी,उस दिन पूरा दिन पापा रोते रहे और ये कह रहे थे कि,मैंने अपनी बेटियों को बहुत दूर भेज दिया है।
किसको पता था कि एक दिन बेटियों को दूर भेजने का गम मनाने वाले पापा खुद ही सबको छोड़कर बहुत दूर चले जायेंगे।
विधाता की लीला कोई नहीं जानता कि आज की खुशी कितनी देर रहने वाली है।जो पल खुशी के बिताए ,उनको वापस बिताने का मौका ही नहीं मिला।
पापा की इच्छा थी कि उनकी कोई संतान कभी दूर न जाये।ईश्वर ने ऐसे सच्चे इंसान की इच्छा को पूरा किया और आज उनकी कोई संतान दूर नहीं है।अपने पापा के आस पास ही रहती है,फर्क इतना है कि उनका शरीर अदृश्य हो गया है,आत्मा आज भी पूरे परिवार मे बसती है,जिसे हर कोई महसूस कर सकता है
सत्यम शिवम सुंदरम
हमारी प्यारी नानी भी इस दृश्य मे अंतिम बार देखी गई,उसके बाद इन बहनों की शादी के 3 महीने बाद ही वो भी स्वर्ग सिधार गई।शायद अपनी इन दोहितो को आशीर्वाद देने के लिए ही रुकी थी।
बेटी घर बाबुल की,किसी और की अमानत हैछोड़ घर बाबुल का,तुझे घर पिया का सजाना है
पापा मैं छोटी से बड़ी हो गई,पापा की निगाहों मे ,ममता की छावं मे
कुछ दिन और रहती तो क्या बिगड़ जाता
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बाबुल तेरे आँगन की मैं तो एक चिड़िया हु,रात भर बसेरा है,सुबह उड़ जाना है
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धन धन लीला हो पापा थानी जयजय हो
जब जब जन्म लेवा,आप ही वणों पिता बारम्बार
दुनिया के सभी पिता पुत्रियों को समर्पित
जीजी ये सबसे बेस्ट ब्लॉग लगी । पापा के वो फ़ोटो देख कर आँखे भर आईं । काश पापा आज भी जिंदा होते । तो अपनी बेटियों को इतनी उन्नति होते देखते सबसे ज्यादा खुश होते ।
ReplyDeleteRadha didi bahut achi story likhi hay
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