मदर्स डे स्पेशल----माँ का सच
Happy mothers day
माँ को स्वयं भगवान ने अपने से भी ऊंचा दर्जा दिया है।जो इंसान मातृ भक्ति करता है,उसे तो किसी और भक्ति की आवश्यकता ही नहीं होती है।सबसे बड़ी भक्ति मातृ भक्ति ही होती है और शायद इसीलिये स्वयं भगवान को इस भक्ति का आनंद लेने के लिए माँ के गर्भ मे आना पड़ा।
माँ का आँचल तो ईश्वर को भी प्यारा है,वो भी इसकी छाया का सुख प्राप्त करने के लिए लालायित रहते है।
माँ वो त्याग है,वो समपर्ण है,जिसकी बराबरी दुनिया मे कोई नहीं कर सकता।
एक बार इतिहासकार टोडरमल ने अपनी माँ से कहा कि है माँ! मैं तेरा कर्जा उतारना चाहता हु,रोज रोज ये शब्द सुनकर थक गया हूं कि माँ का कर्जा कोई नहीं उतार सकता है।आज मैं तेरा ये कर्ज उतार कर ही रहूंगा।
बस मुझे ये बता दे कि मुझे तेरा ये कर्ज उतारने के लिए करना क्या है?माँ ने कहा ,-ठीक है बेटा, एक काम कर,एक रात के लिए तुझे मेरे साथ सोना पड़ेगा।बेटे ने कहा ,बस इतनी सी बात,तो मैं आज ही तेरे साथ सोऊंगा।
उस रात टोडरमल जी अपनी माँ के साथ एक ही चारपाई पर सोए।थोड़ी आंख ही लगी और माँ ने कहा,बेटा जा,मेरे लिए एक गिलास पानी ला।टोडरमल जी ने उठकर पानी पिलाया।माँ ने कुछ पानी पिया और कुछ बिस्तर मे उड़ेल दिया।फिर थोड़ी देर बाद दो तीन बार ऐसे ही पानी मांगा।टोडरमल जी थक गए और सुबह उठकर माँ से कहने लगे कि माँ,आपने तो पूरी रात मुझे परेशान कर दिया और ऊपर से इस गीले बिस्तर मे रात भर ठंड से परेशान हो गया।माँ ने कहा कि बस,एक ही रात मे घबरा गया।मैने तो ऐसे गीले बिस्तर मे कई राते जाग जाग कर काटी है और न जाने किस किससे मैं गीली हुई हु।
टोडरमल माँ के चरणों मे गिर पड़ा और बोला कि माँ,मुझे माफ़ कर दो।मैं तेरा कर्ज कभी नहीं उतार सकता।
सत्य ही कहा है कि माँ का कर्ज कोई नहीं उतार सकता।माँ का आँचल एक सुखद स्थान है जहाँ दुनियां की सारी थकान पल भर मे ही मिट जाती है।जब इंसान बहुत परेशान होता है और अगर माँ की गोद मिल जाये और उसके हाथ का स्पर्श मिल जाये तो पल भर मे ही सारी परेशानी गायब हो जाती है।माँ वो दवा है जो बीमार आदमी को भी स्वस्थ कर देती है।एक संतान कुपुत्र हो सकता है,एक माँ कभी कुमाता नहीं होती।वो तो कुपुत्र को भी स्नेह और ममता ही देती है।इंसान की कोई भी गलत आदत केवल माँ ही बर्दास्त कर सकती है,और कोई नहीं।क्योंकि माँ का प्रेम निस्वार्थ होता है।
वो अपनी संतान
को हर हाल मे स्वीकार करती है।
दुनिया के सारे रिश्ते किसी न किसी स्वार्थ से जुड़े होते है,जो उनके स्वार्थ पूरा होने तक ही जीवित होते है लेकिन माँ का प्यार हर समय सदाबहार रहता है।वो अपनी संतान को खुश देखने के सिवा और कोई अभिलाषा नहीं रखती है।
माँ की दुआओं मे इतनी ताकत होती है कि जो बड़ी से बड़ी तकलीफों मे भी संतान की रक्षा करती है।माँ की दुआएं एक ऐसा आवरण होता है जो उसकी संतान के चारों तरफ उसको हर मुसीबत से बचाती रहती है और शायद इसीलिए इस दुनिया मे गलत करने वालो के साथ भी कभी बुरा नहीं होता,क्योंकि उनकी माँ की दुआओं के आगे ईश्वर को भी विवश होकर उसे माफ करना पड़ता है।जब तक इंसान की माँ जीवित होती है तब तक दुष्टों का भी संहार मुश्किल हो जाता है,इसलिए फिर भगवान को स्वयं जन्म लेना पड़ता है।
ऐसी ताकत है मां।
दुनिया की हर माँ के लिए इस गीत की कुछ पंक्तियों के साथ अपनी बात समाप्त करती हूं-------
तू कितनी अच्छी है,तू कितनी भोली है
प्यारी प्यारी है,ओ माँ, ओ माँ
माँ बच्चों की जा होती है
वो होते है किस्मत वाले,जिनकी माँ होती है। तू कितनी सच्ची है, तू कितनी भोली है प्यारी प्यारी है ओ माँ,ओ माँ-------------
Happy mothers day
Happy mother day ..
ReplyDeleteHappy mothers day
ReplyDeleteसुन्दर लेखन
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