जानिए क्यों चढ़ाया जाता है शनिदेव को तेल

जानिए क्यों चढ़ाया जाता है शनिदेव को तेल
    एक बार शनिदेव ने भगवान शिव की घोर तपस्या की थी ,तब भगवान शिव अति प्रसन्न हुए और उन्होंने शनिदेव को सम्पूर्ण ब्रह्मांड का न्यायधीश बना दिया।तब से  वो संसार का न्याय करने लगे।लेकिन न्याय करते करते एक बार उनको अपनी शक्ति का अभिमान हो गया था।जब उन्होंने हनुमान जी की शक्ति की चर्चा सुनी तो उनको हनुमान जी से युद्ध करने की इच्छा हुई।
एक बार हनुमान जी अपने श्री राम के किसी कार्य मे व्यस्त थे,तब शनिदेव ने वहाँ जाकर हनुमान जी के कार्य मे विध्न डाला।इस पर हनुमान जी ने बहुत शांति से शनिदेव को समझाया कि,मैं अपने प्रभु श्री राम का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा हु।कृपया करके  ये बताने का कष्ट करें कि आप कौन हो और मुझे क्यों परेशान कर  रहे हो। इस पर शनिदेव अभिमान से बोले कि मैं कर्म फलदाता हु,और इंसान के जीवन मे विध्न डालने का मेरा काम है।
हनुमान जी ने बार बार शनिदेव को समझाया,लेकिन शनिदेव नहीं माने और हनुमान जी को युद्ध के लिए ललकारा।हनुमान जी ने शनिदेव को अपनी पूंछ मे लपेटकर चारो तरफ घुमाया और बहुत देर तक युद्ध लड़ा जिससे  शनिदेव के पूरे शरीर पर घाव हो गए ।हनुमान जी ने शनिदेव को अपनी पूंछ मे ही बांधकर वापस अपने श्री राम के कार्य मे लग गए।जब  बहुत देर बाद हनुमान जी का कार्य पूरा हुआ तब उनको शनिदेव का ध्यान आया।उनको शनिदेव पर दया आ गई और उन्होंने शनिदेव को अपनी पूंछ से बाहर निकाला।शनिदेव को अपनी गलती का अहसास हो चुका था,उनको अपने अभिमान का ज्ञान हो गया था ,और उन्होंने हनुमान जी से क्षमा मांगी।
हनुमान जी ने शनिदेव के घाव पर सरसों का तेल लगाया ,जिससे उनकी पीड़ा शांत हो गई।हनुमान जी ने शनिदेव को वरदान दिया कि संसार मे जो भी व्यक्ति तुम्हारे ऊपर सरसों का तेल चढ़ाएगा उसके जीवन के कष्ट और पीड़ा कम हो जाएगी।
इस पर शनिदेव खुश हो गए और उन्होंने भी हनुमान जी को एक वरदान दिया कि ,संसार मे जो भी व्यक्ति हनुमान जी की आराधना करेगा,उसके ऊपर मेरी दशा ज्यादा नहीं सताएगी।
उसी समय से लोग शनि की दृष्टि से बचने के लिए हनुमान जी की आराधना करते है।जो हनुमान जी के भक्त होते है,उन पर शनि की कृपा बनी रहती है।
जो भी व्यक्ति शनिवार के दिन शनिदेव पर तेल का अभिषेक करते है,उनके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
इसीलिए शनिदेव पर तेल चढ़ाने की मान्यता चली आ रही है।

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