विश्वास की ताकत- सच्ची श्रद्धा

विश्वास की ताकत-सच्ची श्रद्धा
    एक बार की बात है,एक जंगल मे कछुवे का एक कपल जोड़ा रहता था।नर कछुवे की पत्नी रोज ईश्वर का स्मरण किया करती थी।वो रोज राम का नाम लेती रहती थी और उसे ईश्वर पर बहुत भरोसा था।
एक दिन की बात है,एक शिकारी जंगल मे आया और उस कपल को अपने जाल मे फंसा दिया।शिकारी उस कछुवे के जोड़े को अपने कपड़े मे बांधकर घने जंगल मे ले गया।वहाँ ले जाकर कछुवे के ऊपर की खाल निकाल दी और उन्हें मारने की पूरी तैयारी कर दी थी।उस शिकारी ने कछुवे को पकाने के लिए जंगल मे ही एक पत्थर का चूल्हा बनाया और लकड़ियां इकठ्ठी करके आग जलाने की तैयारी भी कर ली थी।तभी कपड़े मे बंधा कछुवा का जोड़ा आपस मे बातचीत करने लगा।नर कछुवे ने मादा कछुवे से कहा कि,जिस राम का तू रोज नाम लिया करती थी,आज तेरे राम कहाँ गए।मैं कहता हूं कि कोई भगवान नहीं है,अगर तेरे भगवान सच्चे होते तो आज हमको मारने के लिए यहाँ नहीं लाया जाता।नर कछुवे की बात सुनकर मादा कछुवे ने कहा कि,है मेरे प्राणनाथ!तुम अपने मन पर थोड़ा धीरज रखो और ईश्वर पर भरोसा करो।मेरे भगवान अवश्य आएंगे।ऐसे अंतिम समय मे भी मादा कछुवे का विश्वास नहीं टूटा और वो तब भी भगवान का समरण ही कर रही थी ।उसकी अटूट आस्था और विश्वास ने ऐसा चमत्कार दिखाया कि,अचानक जोरो से बिजलियां कड़कने लगी और कुछ ही देर मे तो आंधी के साथ मूसलाधार बारिश शुरू हो गई।उस आंधी और बारिश की तेज लहरों के साथ वो शिकारी कब उसमे बह गया,पता ही न चला और वो कछुवे का जोड़ा सही सलामत बच गया।
तब नर कछुवे को मादा कछुवे की भक्ति पर  गर्व हुआ और उसने भी ये बात स्वीकार करी कि, ईश्वर पर पूर्ण भरोसा करना ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है।
कछुवे के इस जोड़े ने ईश्वर को धन्यवाद दिया और प्रभु भक्ति के साथ फिर से खुशी से साथ रहने लगे।
 विशेष-   विश्वास एक बहुत बड़ी ताकत है जिसके बल पर हम कुछ भी प्राप्त कर सकते है।ईश्वर को पाने के लिये इसी विश्वास ने हमेशा भक्तों को ईश्वर से मिलाया है,और ये अटल सत्य है।
      सत्यम शिवम सुंदरम

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